hanuman chalisa Things To Know Before You Buy

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ब्रह्मकी दो शक्तियाँ हैं — पहली स्थित्यात्मक और दूसरी गत्यात्मक। श्री हनुमन्तलाल जी गत्यात्मक क्रिया शक्ति हैं अर्थात् निरन्तर रामकाज में संनद्ध रहते हैं।

भावार्थ – माता जानकी ने आपको वरदान दिया है कि आप आठों प्रकार की सिद्धियाँ (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व) और नवों प्रकार की निधियाँ (पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुन्द, कुन्द, नील, खर्व) प्रदान करने में समर्थ होंगे।

व्याख्या – श्री हनुमान जी से अष्टसिद्धि और नवनिधि के अतिरिक्त मोक्ष या भक्ति भी प्राप्त की जा सकती है। इस कारण इस मानव जीवन की अल्पायु में बहुत जगह न भटकने की बात कही गयी है। ऐसा दिशा–निर्देश किया गया है जहाँ से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) प्राप्त किये जा सकते हैं।

acquiring polished the mirror of my heart Using the dust of my Guru’s lotus ft, I recite the pure glory of Raghukul’s good king, which bestows the fruit of the four-fold achievements.

conditions is going to be ended; all pains is going to be long gone when a devotee consistently repeats Hanuman the brave’s title.

भावार्थ – भगवान् श्री रामचन्द्र जी के द्वार के रखवाले (द्वारपाल) आप ही हैं। आपकी आज्ञा के बिना उनके दरबार में किसी का प्रवेश नहीं हो सकता (अर्थात् भगवान् राम की कृपा और भक्ति प्राप्त करने के लिये आपकी get more info कृपा बहुत आवश्यक है) ।

भावार्थ – आप प्रभु श्री राघवेन्द्र का चरित्र (उनकी पवित्र मंगलमयी कथा) सुनने के लिये सदा लालायित और उत्सुक (कथारस के आनन्द में निमग्न) रहते हैं। श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता जी सदा आपके हृदय में विराजमान रहते हैं।

अर्थ - हे स्वामी हनुमान जी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मुझ पर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।

तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर ।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै॥

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भावार्थ – भगवान् श्री राघवेन्द्र ने आपकी बड़ी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तुम भाई भरत के समान ही मेरे प्रिय हो ।

He whoever reads these verses on Hanuman, he can get spiritual attainments, Lord Shiva is the witness to this statement.

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